फलक के पार आज हम चले,
जहाँ संतरी है आसमां,
हवाएँ चड़ी है परवां,
सभी दिशाएँ है समान,
बेफिक्र चले हैं आज हम,
हौले से बुझती ये रात,
दोस्तों का है साथ,
गालियों में भी है मीठी एक बात,
फलक के पार आज हम चले,
लम्बी सड़क लेकिन हौंसले बुलंद,
पाक निगाहों से हर राह मनपसंद,
ज़िन्दगी एक कविता, हर सफ़र एक छंद,
बेफिक्र चले हैं आज हम,
आँखों में चमक दिल में मस्ती,
जहाँ ख़ुशी वही हमारी बस्ती,
मस्तमौले हम, यही हमारी हस्ती!
(Written on the way to Nandi Hills, a serene hilltop 50 kms from Bangalore)
Wow, you did manage to write something happy...
ReplyDeletegood solid words, not amazing and in your face, but very sweet like a fond memory...